अग्रणी दृष्टिकोण

A pioneering approach

अग्रणी दृष्टिकोण

बजबज इंस्टॉलेशन, जो 39 एकड़ में फैला है, 1900 के शुरुआती सालों में बना था। यह भारत का पहला ऑयल इंस्टॉलेशन था, जिसे 1954 में बर्मा-ऑयल कंपनी (BOC) ने स्थापित किया। यह जगह पूर्वी भारत में पेट्रोलियम उत्पादों का मुख्य स्रोत रही है और पेट्रोलियम उद्योग की शुरुआत से ही उसका सफर देखती आ रही है।

the kerbside pump at Lamington Road, South Mumba

भारत का पहला ड्राइव-इन सर्विस स्टेशन 1932 में मुंबई में बना। यह M/s. जे.बी. पटेल एंड कंपनी का था। साउथ मुंबई की लैमिंगटन रोड पर लगा यह कर्बसाइड पंप भारत पेट्रोलियम का सबसे पुराना फ्यूल स्टेशन था, जिसमें ईंधन भरने की मशीन लगी थी। इस कंपनी के वरिष्ठ सदस्य जहांगिर बापूजी पटेल वहाँ के जाने-माने और लोकप्रिय व्यक्ति थे। उन्हें इस बात पर बहुत गर्व था कि उन्होंने भारत में फ्यूल रिटेलिंग की पहली नींव रखी।

यह फ़्यूल स्टेशन बाद में रणनीतिक रूप से साउथ मुंबई में ओपेरा हाउस के पास, चरनी रोड ईस्ट में शिफ्ट किया गया।

LPG

दिसंबर 1955 में बर्शेन (Burshane) नाम से एलपीजी पहली बार बॉम्बे (अब मुंबई) में आई। एलपीजी को पहले बर्मा शेल ने आयात किया और बाद में अपनी मुंबई रिफाइनरी से उपलब्ध कराया। पहली बार भारत में लोगों के लिए एलपीजी लाई गई, जिससे रसोई में पुराने ईंधनों की जगह एक साफ और बेहतर ऊर्जा का उपयोग शुरू हुआ।

लॉन्च होने के कुछ ही महीनों में बर्शेन गुजरात और महाराष्ट्र के कई शहरों में भी पहुँच गया। कुछ साल बाद बर्शेन का नाम बदलकर भारतगैस रखा गया, जिसने लाखों घरों में खुशियाँ और सेहत पहुँचाने का काम किया।

Mumbai Refinery

मुंबई रिफाइनरी वह जड़ है, जहाँ से भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने अपनी शाखाएँ फैलानी शुरू कीं। 2 MMTPA की छोटी रिफाइनरी से बढ़कर आज इसकी क्षमता 14.5 MMTPA तक पहुँच चुकी है। यह न सिर्फ ग्राहकों की अलग-अलग जरूरतें पूरी करती है, बल्कि भारत की पहली आधुनिक रिफाइनरी बनकर देश की औद्योगिक ताकत और नई तकनीकों के इस्तेमाल का प्रतीक भी बनी है।

माहुल में 454 एकड़ में फैली यह रिफाइनरी तय समय से एक साल पहले ही बनकर तैयार हो गई थी। मई 1955 में भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने, उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री मोरारजी देसाई की मौजूदगी में, इसका उद्घाटन किया।

The commissioning of Burmah Shell's lubricant blending plant

1956 तक लुब्रिकेंट्स (तेल) की ज़रूरत आयात से पूरी की जाती थी। जून 1956 में बर्मा शेल ने वाडी-बंदर (जिसे अब वाडील्यूब इंस्टॉलेशन कहा जाता है) में लुब्रिकेंट ब्लेंडिंग प्लांट शुरू किया। यह पूर्वी देशों का सबसे बड़ा और आधुनिक प्लांट था और आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में यही पहला कदम था।

इस प्लांट में अत्याधुनिक क्वालिटी कंट्रोल लैब और विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारी थे, जो उच्चतम गुणवत्ता वाले लुब्रिकेंट तैयार करते थे।

आज वाडील्यूब लुब्रिकेंट्स की संपूर्ण रेंज उपलब्ध कराता है और 349 अलग-अलग ग्रेड के लुब्रिकेंट्स को 841 SKU में ब्लेंड करता है।

Petro Bonus Program

27 सितंबर 1999 को भारत पेट्रोलियम ने पेट्रो बोनस प्रोग्राम शुरू किया। यह भारत का पहला प्री-पेमेंट और रिवार्ड्स स्कीम था, जिसे ऑयल सेक्टर में लाया गया। इसे इस्तेमाल करना आसान था और इसमें आधुनिक माइक्रोप्रोसेसर आधारित स्मार्ट कार्ड तकनीक का उपयोग किया गया था।

Bharat Petroleum launched SmartFleet Card

दिसंबर 2000 में भारत पेट्रोलियम ने स्मार्टफ्लीट कार्ड शुरू किया। यह एक खास लॉयल्टी प्रोग्राम था, जो फ्लीट मालिकों, बड़े ट्रांसपोर्टरों और कंपनियों के लिए बनाया गया था।

आज स्मार्टफ्लीट का कारोबार ₹34,428 करोड़ से ज्यादा है और इसके 2 लाख से अधिक ग्राहक हैं। यह फ्लीट ऑपरेटरों को कैश मैनेजमेंट, वाहन ट्रैकिंग और 24x7 कस्टमर सेवा जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है।

In & Out Convenience Store

ग्राहकों की ज़रूरतों को बेहतर समझने और लगातार उन्हें नई-नई सुविधाएं देने के उद्देश्य से, भारत पेट्रोलियम ने फरवरी 2001 में अपने पेट्रोल पंपों पर “इन एंड आउट कन्वीनियंस स्टोर” नाम से नॉन-फ्यूल रिटेलिंग पहल शुरू की।

आज “इन एंड आउट कन्वीनियंस स्टोर” पूरे देश में फैले हुए हैं।

Ghar outlets

मार्च 2001 में भारत पेट्रोलियम ने ग्राहकों के लिए एक नई पहल शुरू की, जिसने पूरे देश में हाइवे फ्यूल रिटेलिंग का रूप बदल दिया। इसके तहत वन स्टॉप ट्रक शॉप्स (OSTSs) शुरू किए गए, जिन्हें ‘घर’ आउटलेट कहा गया।

ये नए कंपनी ओन्ड और कंपनी ऑपरेटेड (COCO) आउटलेट न केवल कंपनी के फ्यूल उत्पाद बेचते हैं, बल्कि कई नॉन-फ्यूल सुविधाएँ भी देते हैं, जैसे शॉपिंग, मेडिकल सेवा, खाने-पीने की जगह और बहुत कुछ।

सीधे शब्दों में कहें तो ये आउटलेट लंबे और थकाऊ सफर में ट्रक ड्राइवरों को पूरी सुविधा और आराम देते हैं। इसलिए इन्हें सही मायनों में ‘घर’ – यानी घर से दूर घर कहा जाता है।

Pure for Sure (PFS)

साल 2001 में भारत पेट्रोलियम ने समझा कि ग्राहकों का विश्वास जीतने का सबसे अच्छा तरीका है उन्हें सही मात्रा में शुद्ध ईंधन देने की गारंटी देना।

इसी सोच के साथ, 12 अगस्त 2001 को कंपनी ने पूरे देश में ‘प्योर फॉर श्योर (PFS)’ नाम से एक अभियान शुरू किया। यह भारत की फ्यूल रिटेलिंग इंडस्ट्री में ग्राहकों को गुणवत्ता और मात्रा की गारंटी देने वाली पहली पहल थी।

इसमें आधुनिक डिजिटल समाधान दिए गए – जैसे ऑटोमेटेड फ्यूल डिस्पेंसर मशीन, इंटीग्रेटेड पेमेंट सिस्टम, एसएमएस अपडेट और ईंधन की सप्लाई के लिए इलेक्ट्रॉनिक लॉक वाले टैंकर। इनसे PFS पेट्रोल पंपों पर सेवा का नया मानक तय हुआ।

संक्षेप में, PFS का वादा है – शुद्ध ईंधन (क्वालिटी और क्वांटिटी की गारंटी), विनम्र सेवा और तेज़ व आसान फ्यूलिंग।

Speed

ब्रांडेड फ्यूल के क्षेत्र में आगे रहते हुए, भारत का पहला नया जेनरेशन पेट्रोल ‘स्पीड’ 9 जुलाई 2002 को लॉन्च किया गया। इसमें खास एडिटिव्स (मिश्रण) डाले गए हैं, जो इंजन में जमा हानिकारक परतों को साफ करते हैं।इससे इंजन की परफॉर्मेंस बेहतर होती है, ज्यादा पावर और तेज़ी मिलती है, धुआँ (उत्सर्जन) कम होता है, माइलेज बढ़ता है और मेंटेनेंस खर्च भी घटता है।

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