सरकार ने तेल एवं गैस के क्षेत्र में आयात की निर्भता कम करने के उद्देश्य से पांच प्रकार की आगामी रणनीति अपनाई है। इसमें शामिल है, घरेलू उत्पाद बढ़ाना, जैव ईंधन और नवीकरणीय को अपनाना, ऊर्जा सक्षम मानदण्ड, रिफाइनरी प्रक्रियाओं को उन्नत बनाना और मांग प्रतिस्थापन। इसमें भारतीय ऊर्जा के क्षेत्र में जैव ईंधनों के लिए सामरिक भूमिका परिकल्पित है।
नवीकरण योग्य बायो मास संसाधनों से जैव ईंधनों की उत्पत्ति होती है।
इस नीति का उद्देश्य आने वाले दशक के दौरान देश के ऊर्जा एवं परिवहन सेक्टर में जैव ईंधनों का उपयोग बढ़ाना है। इस नीति का उद्देश्य घरेलू फीड स्टॉक का इस्तेमाल, विकास और प्रचार करना और जैव ईंधनों के उत्पादन के लिए इसका प्रयोग करना है ताकि राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन सूक्ष्मीकरण में अपना योगदान देते हुये जीवाश्म ईंधनों का उत्तरोंत्तर विकल्प ढूंढना है और साथ में सतत नये रोजगारों को भी निर्मित करना है।
इसी के साथ साथ यह नीति जैव ईंधनों की उत्पत्ति के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग को प्रोत्साहित करेगी। पिछले कुछ सालों से जैवईधनों का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है और नये प्रौद्योगिकी नवाचार सामने आ रहे हैं।